अध्याय का सारांश (Summary)
1. मानचित्र, ग्लोब और एटलस
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ग्लोब: पृथ्वी का गोल मॉडल जो उसके स्वरूप को यथार्थ रूप में दर्शाता है।
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मानचित्र: पृथ्वी की सतह का समतल चित्र जिसमें प्रतीकों, दिशा और पैमाने का उपयोग होता है। मानचित्र तीन प्रकार होते है -
भौतिक मानचित्र: प्राकृतिक आकृतियाँ जैसे पर्वत, महासागर, नदियाँ दर्शाते हैं।
राजनीतिक मानचित्र: देश, राज्य, सीमाएँ, नगर आदि दिखाते हैं।
थीमैटिक मानचित्र: विशेष जानकारी जैसे वर्षा, जनसंख्या, कृषि आदि को दर्शाते हैं।
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एटलस: मानचित्र का संग्रह, आमतौर पर एक पुस्तक के रूप में।
2. मानचित्र के मुख्य घटक
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दूरी (Distance): पैमाने (scale) द्वारा दर्शाई जाती है।
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दिशा (Direction): उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम और उनकी मध्य दिशाओं ( उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम)
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प्रतीक (Symbols): नदियाँ, सड़कें, पर्वत, इमारतें आदि दर्शाने के लिए चिह्न।
3. अक्षांश (Latitude/Parallels)
अक्षांश (Latitude) वे काल्पनिक रेखाएँ होती हैं जो पृथ्वी को पूर्व से पश्चिम दिशा में काटती हैं और भूमध्य रेखा (Equator) के समानांतर होती हैं।
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भूमध्य रेखा (0°) से समानान्तर रेखाएँ।
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मुख्य अक्षांश:
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कर्क रेखा (23½° उत्तरी)
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मकर रेखा (23½° दक्षिणी)
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आर्कटिक वृत्त (66½° उत्तरी)
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अंटार्कटिक वृत्त (66½° दक्षिणी)
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भूमध्य रेखा सबसे लंबी होती है, और ध्रुवों की ओर जाने पर लंबाई घटती है।
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अक्षांश और जलवायु में गहरा संबंध होता है। भूमध्य रेखा के पास जलवायु गरम (उष्ण) होती है। जैसे-जैसे हम दोनों ध्रुवों की ओर बढ़ते हैं, अक्षांश बढ़ता है और जलवायु पहले शीतोष्ण और फिर शीत (ठंडी) हो जाती है।
4. देशांतर (Longitude/Meridians)
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देशांतर (Longitude) वे काल्पनिक रेखाएँ होती हैं जो पृथ्वी को उत्तर से दक्षिण दिशा में यानी ध्रुव से ध्रुव तक जोड़ती हैं और भूमध्य रेखा को सीधा काटती हैं।
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प्रधान देशांतर (0°) ग्रीनविच, लंदन से गुजरता है।
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ल 360 देशांतर होते हैं।
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सभी देशांतर की लंबाई समान होती है।
5. पृथ्वी की ग्रिड प्रणाली
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अक्षांश और देशांतर मिलकर एक ग्रिड बनाते हैं जिससे किसी स्थान का सटीक पता लगाया जाता है।
(उदाहरण: . दिल्ली: 29°N, 77°E)
6. गोलार्द्ध (Hemispheres)
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उत्तरी / दक्षिणी गोलार्द्ध: भूमध्य रेखा द्वारा विभाजित।
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पूर्वी / पश्चिमी गोलार्द्ध: प्रधान देशांतर द्वारा विभाजित।
7. समय क्षेत्र (Time Zones)
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पृथ्वी को 15° देशांतर वाले 24 क्षेत्रों में बाँटा गया है, हर क्षेत्र में 1 घंटे का अंतर।
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भारत का मानक समय (IST) = ग्रीनविच से +5 घंटे 30 मिनट।
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अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा = लगभग 180° देशांतर।
📝 प्रश्न , क्रियाकलाप और परियोजना (Solutions)
प्रश्न 1: इस पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 10 और अध्याय 5 में चित्र 5.2 के संदर्भ में, 2.5 से.मी. = 500 कि.मी. का पैमाना मानते हुए, नर्मदा नदी के मुहाने से गंगा नदी के मुहाने तक की वास्तविक दूरी की गणना कीजिए।
(संकेत – मानचित्र पर अपनी माप को एक आसान पूर्णांक संख्या में बदलिए)।
उत्तर:
प्रश्न 2: भारत में 5:30 बजे क्यों होते हैं जब लंदन में दोपहर के 12 बजे होते हैं?
उत्तर:
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भारत का IST = GMT + 5:30 = 12.00+ 5.30
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इसलिए जब लंदन ( GMT) में 12:00 दोपहर होती है, तब भारत में 5:30 सायं होता है।
प्रश्न 3: हमें मानचित्र में प्रतीक चिह्नों और रंगों की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
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प्रतीक वास्तविक विशेषताओं को सरलता से दिखाते हैं।
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रंग विभिन्न वस्तुओं (जैसे – पानी के लिए नीला, जंगल के लिए हरा) को पहचानने में मदद करते हैं।
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इससे मानचित्र अधिक जानकारीपूर्ण और समझने में आसान बनता है।
प्रश्न 4: अपने घर/विद्यालय से आठ दिशाओं में क्या-क्या है?
उत्तर (उदाहरण):
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उत्तर – झील
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उत्तर-पूर्व – खेल का मैदान
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पूर्व – मुख्य सड़क
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दक्षिण-पूर्व – मंदिर
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दक्षिण – मुख्य द्वार
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दक्षिण-पश्चिम – बगीचा
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पश्चिम – बाजार
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उत्तर-पश्चिम – बस स्टॉप
प्रश्न 5: स्थानीय समय और मानक समय के बीच क्या अंतर है?
उत्तर:
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स्थानीय समय: सूर्य की स्थिति पर आधारित होता है। हर देशांतर पर अलग होता है।
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मानक समय (IST): पूरे देश के लिए एकसमान समय, भारत में 82.5°E रेखा पर आधारित।
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इससे संचार, रेल, उड़ानों और कार्यों में सुविधा मिलती है।
प्रश्न 6: दिल्ली और बेंगलुरु के अक्षांश क्रमशः 29° उ. और 13° उ. हैं और उनका देशांतर लगभग 77° पू. एक ही है। दोनों नगरों के बीच स्थानीय समय में कितना अंतर होगा?
उत्तर:
दोनों का देशांतर लगभग 77°E है → कोई समय अंतर नहीं।
प्रश्न 7: निम्नलिखित कथनों पर सही या गलत का चिन्ह लगाइए और इसे एक या दो वाक्यों में समझाइए। :
1. अक्षांशों के सभी समानांतरों की लंबाई समान होती है।
2 . देशांतर के एक याम्योत्तर की लंबाई भमूध्य रेखा की आधी होती है।
3 . दक्षिण ध्रुव का अक्षांश 90° द. है।
4 . असम में स्थानीय समय और आई.एस.टी. (भारतीय मानक समय) एक ही है।
5. समय क्षेत्र को पथृक करने वाली रेखाएँ देशांतर के याम्योत्तर के समान होती है।
6. भमूध्य रेखा एक अक्षांश वत्तृ भी है।
उत्तर
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❌ सभी अक्षांश समान लंबाई के नहीं होते।
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❌ देशांतर की लंबाई भूमध्य रेखा की आधी नहीं होती, सभी बराबर होते हैं।
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✔️ दक्षिणी ध्रुव का अक्षांश 90° S है।
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❌ असम का स्थानीय समय IST से आगे है, लेकिन IST ही प्रयोग में है।
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✔️ समय क्षेत्रों की सीमाएँ देशांतरों पर आधारित होती हैं।
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✔️ भूमध्य रेखा एक अक्षांश वृत्त (0°) है।
प्रश्न 8:
नीचे दी गई वर्ग पहेली को हल कीजिए।
पृथ्वी पर स्थानों का पता लगाना
क्रॉसवर्ड उत्तर:
बाएँ से दाएँ (Across):
1. आईएसटी (IST) – वह समय जिसका हम भारत में अनुसरण करते हैं।
3. पैमाना (Scale) – मानचित्र में एक वृहद क्षेत्र को लघु रूप में दिखाना।
5. ग्लोब (Globe) – एक सुविधाजनक गोलाकार वस्तु।
7. निर्देशांक (Coordinates) – ये दोनों मिलकर किसी स्थान का पता लगाने में सहायक होते हैं।
9. अक्षांश (Latitude) – भूमध्य रेखा से दूरी की एक माप।
11. आईडीएल (IDL) – एक रेखा के लिए शब्द-संक्षेप जिसके आर-पार दिन और तिथि में परिवर्तन होता है (अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा - International Date Line)।
ऊपर से नीचे (Down):
2. दिशा सूचक यंत्र / कम्पास (Compass) – मार्ग को खोजने का सरल साधन।
4. ग्रिड (Grid) – जो अक्षांश और देशांतर मिलकर बनाते हैं।
6. ध्रुव (Pole) – जो विश्व के शीर्ष पर है।
8. ग्रीनविच (Greenwich) – वह स्थान जहाँ से प्रमुख याम्योत्तर गुजरती है।
10. देशांतर (Longitude) – प्रमुख याम्योत्तर से दूरी की एक माप।
12. भूमध्य रेखा (Equator) – सबसे लंबी समानांतर अक्षांश रेखा।
महत्वपूर्ण प्रश्न। ( पृष्ठ 8 देखें):
प्रश्न 1: मानचित्र क्या है और हम इसका उपयोग कैसे करते हैं? इसके मुख्य घटक क्या हैं?
उत्तर:
मानचित्र पृथ्वी की सतह का एक छोटा, समतल और प्रतीकात्मक चित्र या रेखांकन है। यह हमें किसी क्षेत्र की स्थिति, आकार, दिशा और दूरी को समझने में मदद करता है।
उपयोग:
स्थानों की स्थिति जानने के लिए
रास्ता खोजने के लिए
भौगोलिक विशेषताओं (नदी, पर्वत, पठार आदि) को समझने के लिए
मुख्य घटक:
पैमाना (Scale): वास्तविक दूरी और मानचित्र पर दूरी का अनुपात।
दिशा (Direction): उत्तर दिशा को दिखाने वाला चिह्न।
चिन्ह/प्रतीक (Symbols) और रंग (Colours): विभिन्न भौगोलिक विशेषताओं को दर्शाते हैं।
प्रश्न 2: निर्देशांक क्या हैं? पृथ्वी पर किसी स्थान को अंकित करने के लिए अक्षांश और देशांतर का उपयोग कैसे किया जा सकता है?
उत्तर:
निर्देशांक (Coordinates) अक्षांश (Latitude) और देशांतर (Longitude) की संख्यात्मक जोड़ी होती है, जो पृथ्वी पर किसी स्थान की सटीक स्थिति बताती है।
अक्षांश रेखाएँ पूर्व से पश्चिम की ओर खिंची होती हैं और भूमध्य रेखा को आधार मानती हैं (0° से 90° उत्तर या दक्षिण)।
देशांतर रेखाएँ उत्तर से दक्षिण दिशा में खिंची होती हैं और ग्रीनविच रेखा (0° देशांतर) को आधार मानती हैं।
उदाहरण:
अगर किसी स्थान के निर्देशांक 25°N, 80°E हैं, तो इसका अर्थ है कि यह स्थान भूमध्य रेखा से 25° उत्तर और ग्रीनविच से 80° पूर्व में है।
प्रश्न 3: देशांतर से स्थानीय समय और मानक समय कैसे संबंधित हैं?
उत्तर:
देशांतर रेखाएँ समय निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि पृथ्वी पर समय का निर्धारण सूर्य के स्थान के आधार पर किया जाता है।
पृथ्वी अपनी धुरी पर 360° देशांतर को 24 घंटों में घूमती है।
इसलिए हर 15° देशांतर पर 1 घंटा का समय अंतर होता है।
स्थानीय समय:
किसी स्थान का समय उस पर सूर्य की स्थिति (सूर्योदय/सूर्यास्त) पर आधारित होता है। हर देशांतर पर अलग होता है।
मानक समय (IST):
भारत का मानक समय 82.5° पूर्व देशांतर (उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर के पास) पर आधारित है, जिससे पूरे भारत में एक समान समय लागू होता है।
उदाहरण:
असम और गुजरात में सूरज अलग समय पर निकलता है, लेकिन दोनों जगह एक ही मानक समय IST लागू होता है।
आइए, पता लगाएँ ( पृष्ठ 16 देखें):
यदि आपकी कक्षा में ग्लोब या मानचित्रावली में स्पष्ट रूप से अक्षांश और देशांतर अंकित हैं,
तो (1) मुंबई (2) कोलकाता (3) सिंगापुर और (4) पेरिस के अक्षांश और देशांतर के लगभग मान को लिखने का प्रयास कीजिए।
उत्तर :
1. मुंबई (Mumbai)
अक्षांश (Latitude): लगभग 19.0° उत्तर
देशांतर (Longitude): लगभग 72.8° पूर्व
2. कोलकाता (Kolkata)
अक्षांश (Latitude): लगभग 22.6° उत्तर
देशांतर (Longitude): लगभग 88.4° पूर्व
3. सिंगापुर (Singapore)
अक्षांश (Latitude): लगभग 1.3° उत्तर
देशांतर (Longitude): लगभग 103.8° पूर्व
4. पेरिस (Paris)
अक्षांश (Latitude): लगभग 48.9° उत्तर
देशांतर (Longitude): लगभग 2.4° पूर्व
आइए पता लगाएँ ( ( पृष्ठ 20 देखें)
एक दिन ढलती दोपहर में दो मित्र , एक पोरबंदर (गुजरात) में और दूसरा तिनसकिुया
(असम) में बैठे हुए फोन पर बातचीत कर रहे हैं। तिनसुकिया वाला मित्र कहता है कि
असम में सूर्यास्त हो गया है और अब अंधेरा है, जबकि पोरबंदर वाला मित्र चकित होकर कहता है — “लेकि न यहाँ तो अभी भी दिन का प्रकाश है!” बताइए कि ऐसा क्यों है? और कक्षा की एक गतिविधि के रूप में इन दो शहरों के बीच स्थानीय समय के अंतर की गणना कीजिए (संकेत – पोरबंदर और तिनसुकिया के बीच देशांतर में 30° के अंतर पर विचार कीजिए और इसके बाद आप उचित मान प्राप्त कर सकते हैं)।
उत्तर।
ऐसा क्यों होता है कि असम में सूरज जल्दी डूबता है और गुजरात में देर से?
पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है। इसी कारण, पूर्वी भारत (जैसे – असम) में सूरज जल्दी उगता है और जल्दी डूबता है, जबकि पश्चिमी भारत (जैसे – गुजरात) में सूरज थोड़ा देर से उगता है और देर से डूबता है।
इसलिए, जब असम (तिनसुकिया) में अंधेरा हो चुका होता है, पोरबंदर (गुजरात) में अब भी दिन का उजाला होता है।
स्थानीय समय में अंतर की गणना करें:
तथ्य:
देशांतर में 1° का अंतर = 4 मिनट का समय अंतर
पोरबंदर और तिनसुकिया के बीच लगभग 30° देशांतर का अंतर है
गणना:
30° × 4 मिनट = 120 मिनट = 2 घंटे
इसका अर्थ है कि तिनसुकिया का सूरज लगभग 2 घंटे पहले डूबता है, पोरबंदर की तुलना में।
निष्कर्ष:
असम में सूरज पहले डूबता है, इसलिए वहाँ जल्दी अंधेरा हो जाता है।
गुजरात में सूरज देर से डूबता है, इसलिए वहाँ अभी भी दिन का प्रकाश हो सकता है।
इन दोनों शहरों के स्थानीय समय में लगभग 2 घंटे का अंतर होता है।
रिक्त स्थान भरें
1. पृथ्वी पर स्थानों की स्थिति जानने के लिए __________ और __________ की मदद ली जाती है।
उत्तर: अक्षांश, देशांतर
2. विषुवत रेखा को __________ अक्षांश रेखा कहा जाता है।
उत्तर: 0 डिग्री
3. देशांतर रेखाएं __________ और __________ ध्रुवों को जोड़ती हैं।
उत्तर: उत्तर, दक्षिण
4. 180° देशांतर रेखा को __________ रेखा भी कहा जाता है।
उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा
लघु उत्तर प्रश्न
1. अक्षांश क्या होते हैं?
उत्तर: पृथ्वी की सतह पर पूर्व से पश्चिम की दिशा में खींची गई काल्पनिक रेखाएं जो भूमध्य रेखा के समानांतर होती हैं उन्हें अक्षांश कहते हैं।
2. देशांतर क्या होते हैं?
उत्तर: उत्तर और दक्षिण ध्रुवों को जोड़ने वाली काल्पनिक रेखाएं जिन्हें पृथ्वी की सतह पर खींचा गया है, उन्हें देशांतर कहा जाता है।
3. ग्रीनविच रेखा को प्रधान देशांतर क्यों कहा जाता है?
उत्तर: क्योंकि इसे 0° देशांतर माना जाता है और समय निर्धारण का आधार यही रेखा है।
4. विषुवत रेखा का क्या महत्त्व है?
उत्तर: यह पृथ्वी को दो भागों में विभाजित करती है – उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी गोलार्ध।
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